Thursday, 30 June 2022

वो भगवान के रूप हैं केवल

 आभार व्यक्त करते हैं उनको

जिनके सेवा से मिलता जीवन

रात-दिन और आठों पहर

जो करते हैं कठिन परिश्रम.

स्पंदन भरने को उर में

निज अस्तित्व को भूल जाते हैं

धर्म है जिनका सांसे बचाना

यमराज के आगे अड़ जाते हैं.

वो भगवान के रूप हैं केवल

भाग्य नहीं बदल सकते हैं 

कभी कभी ईश्वर की मर्जी

उन्हें विफल करते रहते हैं. 

मेहनत की उनकी कद्र न करते

लोग उन्हें पहुंचाते ठेस

भावनाओं को आहत करते

भरते उर में पीड़ा व क्लेश.

शालीनता ये दर्शाती है

चिकित्सक भी होते इंसान

संवेदनशील वो रहते हरदम

कर्तव्यनिष्ठ होते सुबहो शाम.

भारती दास ✍️






Friday, 17 June 2022

उर्मिले जनु करू वियोग

उर्मिले जनु करू वियोग
भाग्य सं हमरा भेटल अछि
सेवा के संयोग, उर्मिले जनु....
राज कुमारी जनक दुलारी
तेजल राजसी योग
नाथ शंभु मां आदि भवानी सं
कयलहुं अनुरोध
रघुकुल भानु के संग जायब
अछि नयन में मोद, उर्मिले जनु....
अहीं हमर छी प्रणय के देवी
अहीं सं अछि मृदु नेह
चित्र बनि के दृग बसल छी
अहीं पूजित उर गेह
अहीं प्रिय छी मन के मोहिनी
अहीं सुखद छी बोध, उर्मिले जनु....
हे कल्याणी शौर्य दायिनी
भाव वंदिनी छी
अहीं विनोदिनी अहीं सुहासिनी
पद्म लोचनी छी
हे राजनंदिनी पुण्य भागिनी
छोडू दुख और क्षोभ, उर्मिले जनु....
आर्य पुत्र हम छी बड़भागिनी
पथ अनुगामिनी छी
जाऊ कंटक बाट देखब
चिरकाल संगिनी छी
धरा साक्षिणी सकल देव छथि
नहि उमड़त दृग नोर...
उर्मिले जनु करू वियोग.
भारती दास ✍️
(मैथिली गीत)








Sunday, 12 June 2022

बाल-कविता

 

बाय-बाय नानी बाय-बाय दादी
ख़त्म हुयी सारी आजादी...
इतनी सुन्दर इतनी प्यारी
बीत गयी छुट्टी मनोहारी
खुल़े हैं स्कूल ख़ुशी है आधी
खत्म हुयी सारी आजादी ...
तेज धूप में दौड़ लगाते
मीठे आम रसीले खाते
अब बस्तों ने नींद उड़ा दी
ख़त्म हुयी सारी आजादी...
बहुत हुयी मौजे मनमानी
अनगिनत मस्ती शैतानी
अब उमंग पढने की जागी
ख़त्म हुयी सारी आजादी ...     

भारती दास ✍️










Thursday, 9 June 2022

गंगा गीत

       सुनो हे माँ मेरे उर की तान

       क्यों मुँह फेरी गैर नहीं हूँ

        तेरी हूँ संतान,सुनो हे.....             

        दुखिता बनकर जीती आई

      पतिता बनकर शरण में आई

     मुझ पर कर एहसान,सुनो हे......

       मोक्ष-दायिनी पाप-नाशिनी

      कहलाती संताप-हारिणी

       प्रेम का दे दो दान,सुनो हे......

       शांति-सद्गति सब-कुछ देती

      जन-जन करते तेरी भक्ति

      करके हरपल ध्यान,सुनो हे.......

        पुण्यमयी तेरी जल-धारा

        तूने सगर पुत्रों को तारा   

       तेरी महिमा महान,सुनो हे.......

        तेरी सुमिरन जो भी करते

          नर नारी सब मुक्ति पाते

          तू शिव की वरदान,सुनो हे.......

भारती दास ✍️




Friday, 3 June 2022

भक्ति को ना बदनाम करें

 भक्ति को ना बदनाम करें

गौरी शंकर का गुणगान करें....

भक्ति के व्यापक अर्थ जो जाने

सत्य ही शिव है वो पहचाने

मूढमति उलझन में भटके

प्रभु नागेश्वर का ध्यान करें....

तमस अनेकों होती असुर में

धैर्य की शक्ति होती है सुर में

विवश विकल जब होती धरती

हर की महिमा का बखान करें....

सीमाबद्ध नहीं होते दिगंबर

कण कण में बसते हैं ईश्वर

मौन सभा होती प्रांगण में

डमरूधर सच्चा निदान करें....

कामना जो भी है मनकी

उपासना करते हैं उनकी

भय नहीं है कभी किसी से

महेश्वर सदा कल्याण करें....

भारती दास ✍️