मंदिर-मस्जिद सूना-सूना
गुरुद्वारे में मौन अपार
गिरजाघर भी खाली-खाली
संकट में है हाट बाजार.
गलियों में पसरा सन्नाटा
बंद है सारे घर और द्वार
मौत न जाने कहां खड़ी हो
सहमा है सारा संसार.
पाप मनुष्य का उभर रहा है
पुण्य हुआ बेबस लाचार
पल-पल जीवन बिखर रहा है
बन रहा यम का आहार.
कक्षा का हर कोना खाली
चुपचाप है सारे फर्श दीवार
महामारी के खौफ हटाकर
शिक्षकगण बैठे हैं उदार .
शिक्षण पद की शान बढायें
या सेहत का करे विचार
महामारी का भय व्याप्त है
हौसला पर हो रहा प्रहार.
रिश्तों में न पले मिलावट
टूटे ना मनुहार दुलार
सावधानी बरतें सब मिलकर
संयमी बनकर करें उपकार.
तन-मन स्वस्थ रहे सुरक्षित
रहे सलामत परिजन परिवार
साहस संबल सहयोगों की
बहती रहे पावन सी बयार.
भारती दास ✍️
गुरुद्वारे में मौन अपार
गिरजाघर भी खाली-खाली
संकट में है हाट बाजार.
गलियों में पसरा सन्नाटा
बंद है सारे घर और द्वार
मौत न जाने कहां खड़ी हो
सहमा है सारा संसार.
पाप मनुष्य का उभर रहा है
पुण्य हुआ बेबस लाचार
पल-पल जीवन बिखर रहा है
बन रहा यम का आहार.
कक्षा का हर कोना खाली
चुपचाप है सारे फर्श दीवार
महामारी के खौफ हटाकर
शिक्षकगण बैठे हैं उदार .
शिक्षण पद की शान बढायें
या सेहत का करे विचार
महामारी का भय व्याप्त है
हौसला पर हो रहा प्रहार.
रिश्तों में न पले मिलावट
टूटे ना मनुहार दुलार
सावधानी बरतें सब मिलकर
संयमी बनकर करें उपकार.
तन-मन स्वस्थ रहे सुरक्षित
रहे सलामत परिजन परिवार
साहस संबल सहयोगों की
बहती रहे पावन सी बयार.
भारती दास ✍️