अरुण अधर पर वंशी रखकर जो प्रेम राग को गाते हैं वो मधुसूदन वो यदुनंदन जग को अनुराग सिखाते हैं. जिनके उर में राधा बसती जो राधेश्याम कहाते हैं दीनों के दुख हरने वाले गोवर्धन को उठाते हैं. सखा सुदामा के चरणों को नयन नीर से धोते हैं वो मनमोहन देवकीनंदन दीनदयाल कहाते हैं. ग्वालों के संग गाय चराते माखनचोर कहाते हैं योगेश्वर के जन्म का उत्सव भाव विभोर कर जाते हैं. जिनके मुख से गीता निकली जो जीवन ज्ञान सिखाते हैं अखिल भुवन में जिनका वंदन उनको शीश झुकाते हैं. Happy Janmashtami भारती दास ✍️ |
Saturday, 24 August 2019
अखिल भुवन में जिनका वंदन
Wednesday, 14 August 2019
नयी सदी का गान है
नयी सदी का गान है
भारत देश महान है
विश्व की पहचान है
गौरवमय अभिमान है.
एक ही अरमान हो
व्यर्थ ना बलिदान हो
सुखमय सुबह-शाम हो
हंसता हिन्दुस्तान हो
. देश प्रेम का भाव हो
आपस में सद्भाव हो
शांति का स्वभाव हो
गांधी का प्रभाव हो.
देना है संदेश ये
स्वच्छ हो परिवेश ये
सुन्दरता का वेश ये
अपना प्यारा देश ये.
भारती दास ✍️
भारत देश महान है
विश्व की पहचान है
गौरवमय अभिमान है.
एक ही अरमान हो
व्यर्थ ना बलिदान हो
सुखमय सुबह-शाम हो
हंसता हिन्दुस्तान हो
. देश प्रेम का भाव हो
आपस में सद्भाव हो
शांति का स्वभाव हो
गांधी का प्रभाव हो.
देना है संदेश ये
स्वच्छ हो परिवेश ये
सुन्दरता का वेश ये
अपना प्यारा देश ये.
भारती दास ✍️
Saturday, 3 August 2019
विघ्नों को भी गले लगाते
जिनके संग में मिलकर मन की
दुख सुख रोष सुनाते हैं
जिनकी स्नेहिल उष्मा पाकर
मृदुल अधर मुस्काते हैं.
विघ्नों को भी गले लगाते
जो कांटों में राह बनाते हैं
वो श्रद्धा की मूरत बनकर
उर आंगन बस जाते हैं.
जीवन की मधुमय बसंत हो
या झुकी कमर की गोधूलि शाम
दुर्गम क्षण में साथ निभाते
वही मित्र की है पहचान.
दुख सुख रोष सुनाते हैं
जिनकी स्नेहिल उष्मा पाकर
मृदुल अधर मुस्काते हैं.
विघ्नों को भी गले लगाते
जो कांटों में राह बनाते हैं
वो श्रद्धा की मूरत बनकर
उर आंगन बस जाते हैं.
जीवन की मधुमय बसंत हो
या झुकी कमर की गोधूलि शाम
दुर्गम क्षण में साथ निभाते
वही मित्र की है पहचान.
मित्रता दिवस की शुभकामनाएं
भारती दास ✍️