वो ह्रदय नहीं वो पत्थर है
जिसमें बहती रसधार नहीं ,
जिस पुष्प में कोइ
गंध नही
वहां भौरों की गुंजार नहीं
, वो......
मुरझा जाता है, मर जाता है
जीवन की आशा खो जाता है
जहाँ अपनापन का भाव नहीं
वहाँ होता सच्चा प्यार नहीं
, वो......
है दरिद्र वही , है दीन वही
जिस व्यक्ति के उर में नेह
नहीं
जहाँ संताप भरे आंसू बहते
वहाँ देता ख़ुशी करतार नहीं
, वो .......
जो बसन्त में बस मुस्काता
है
पतझर से जो घबराता है
जिस वृन्त में केवल शूल ही
हो
वहाँ आता कभी बहार नहीं ,
वो......