Saturday 25 August 2018

अभिनंदन है उर से वंदन


अभिनंदन है उर से वंदन
आया फिर से रक्षा बंधन....
करूण-नयन से नीर ना बहते
संग हमारे भाई होते
याद उन्हें करते हैं हर-क्षण
आया फिर से रक्षा बंधन....
था खुशियों से हँसता आँगन
एक-दूजे में था अपनापन
था अनुरागी प्यारा बचपन
आया फिर से रक्षाबंधन....
दूर रहे या पास में हो सब
दुआ अनेकों तुमसे है रब
हो दीर्घायु भाई का जीवन
आया फिर से रक्षाबंधन....        


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