Tuesday 25 February 2014

महाशिवरात्रि पर्व



                
   

   


हर –हर महादेव जय –जय शिव शम्भो
बम –बम भोले दुःख - हरो शम्भो
भक्तों की ये गूंज मुखरता
आत्मबोध की स्वर बिखरता
अंग विभूति रूद्र की माला
भाल शशि है सर्प –विशाला
बाघम्बर –धारी  त्रिपुरारी
बैल की करते सदा सवारी
आक –धतुरा भांग को पीते
अपनी जटा में गंग समेटे
शिव का रूप है मंगल कारी
        गौरी-पति वो डमरुधारी          
गरल पान करते है महेश
सत्य ही शिव है देते सन्देश
 महाशिव-रात्रि का पर्व हमारा  
शिव –चिंतन से मिटा अँधेरा



                  शिव रात्रि की मंगलमय कामना  
                  ॐ नमः शिवाय